आज इस लेख में हम सूरह नास के बारें में जानेंगे। सूरह नास कहां नाज़िल हुई? सूरह नास में कितनी आयतें हैं। सूरह नास की फ़ाज़िलात। तो ये सारी चीज़े जानने लेलिये आप Surah Naas in Hindi Tarjuma Mein इस आर्टिक्ल को पूरा पढ़े। हम ने सूरह नास हिंदी में और सूरह नास का तर्जुमा हिंदी लिखा है।
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सूरह नास के बारे में (Surah Naas)
सूरह नास मक्की है। और इसमें 6 आयातें हैं। सूरह नास क़ुरआन शरीफ़ की 114 नंबर की सूरह है। सूरह नास 30 वे पारे में हैं। जिसको हम अम्मा पारा भी केहते हैं। सूरह नास और सूरह फ़लक़ इन दोनों सूरतों को मिलाकर मऊज़तैन कहा जाता है।
Surah Naas in Hindi (सूरह नास हिंदी में)
अऊ’ज़ु बिल्लाहि मिनश शैता निर्रजीम।
बिस्मिल्ला-हिर रहमानिर-रहीम।
- 1. क़ुल अऊ’ज़ु बिरब-बिन्नास
- 2. मलिकिन्नास
- 3. इला-हिननास
- 4. मिनशर-रिल वसवासिल खन्नास
- 5. अल्लज़ी युवस-विसु फ़ी सुदू रिन्नास
- 6. मिनल जिन्नती वन्नास
सूरह नास का तर्जुमा हिंदी में (Surah Naas Translation in Hindi)
पनाह मांगता हूं में अल्लाह की शैतान मरदूद से।
शुरू करता हूं मैं अल्लाह के नाम से जो निहायत मेहरबान बड़ा रेहम करने वाला है।
- 1. आप कह दीजये! की मैं लोगों के परवरदिगार की पनाह में आता हूं
- 2. लोगों के मालिक की
- 3. लोनों के माबूद की (पनाह में)
- 4. वस्वसा डालने वाले पीछे हट जाने वाले के शर से
- 5. जो लोगों के सीनों में वस्वसा डालता है
- 6. चाहे वो जिन मैं से हो या इंसान में से
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Surah Naas in Roman English
A’oozu Billahi Minash Shaitaa Nirrajeem
Bismillahir Rahmaanir Raheem
- Qul a’oozu bi rabbin naas.
- Malikin naas.
- ilaahin naas.
- Min-sharril was waasil khannaas.
- Allazee yuwas wisu fee sudoo rinnaas.
- Minal jinnati wan-naas.
Surah Nas ki Fazilat in Hindi
“उक़बा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया आज की रात मुझ पर कुछ ऐसी आयात नाज़िल हुई है इन आयतों जैसी मेने कोई आयत कभी नहीं देखी और फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सूरह नास और सूरह फ़लक़ पढ़ी” (मुस्लिम 814)
Surah Nas Padh Kar Phukna in Hindi
“हज़रते आईशा रज़ियल्लाहु अनहा बयान फ़रमाती है के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर रात जब आराम फ़रमाते तो सूरह इखलास, सूरह फ़लक़, और सूरह नास इन तीनों सूरतों को पूरा पढ़कर अपनी दोनों हथेलियों को मिलाकर हथेलियों पर फ़ूकते और फ़िर दोनों हथेलियों को अपने पूरे बदन पर फेरते जहां तक मुमकिन होता। पहले सर और मुंह पर हाथ फेरते फिर सामने के बदन पर ये काम आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तीन बार करते।” (बुखारी 5017)
Bimari Mein Surah Naas Padhna Chahiye
“नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब बीमार पड़ते तो मऊज़ात (सूरह नास, सूरह फ़लक़ और सूरह इखलास तीनों को मिलाकर मऊजात केहते हैं) सूरतें पढ़ कर इसे अपने ऊपर दम करते (ऐसे दम करते की हवा के साथ कुछ थूक भी निकलता)” (बुखारि 5016)
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सूरह नास का हर नमाज़ के बाद पढ़ना हदीस
“उक़बा बिन आमिर रज़ियल्लाहु अनहु केहते हैं की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुझे हुक्म दिया के में हर नमाज़ के बाद मऊजात (सूरह नास, सूरह फ़लक़ और सूरह इख़लास) पढ़ा करू” (अबू दावूद 1523)
सूरह नास को मऊज़तैन कब कहेंगे
क़ुरआन शरीफ़ की दो आखरी सूरत सूरह नास और सूरह फ़लक़ इनदोनों को जब मिलाएंगे तब इसे हम मऊज़तैन कहेंगे। और इनदोनों सूरतों की काफ़ी फ़ज़ीलत और असर है। जब कोई आदमी इसे पढ़ लेगा तो वो इंशा अल्लाह जादू जेसी चीज़ से सुरक्षित रहेगा। जोकि इस्लाम में जादू करना और करवाना हराम है।
मऊज़तैन और मऊजात में अंतर
मऊज़तैन: सूरह नास और सूरह फ़लक़ इन दोनों सूरतों को मिलाकर मऊज़तैन कहा जाता है।
मऊज़ात: सूरह नास, सूरह फ़लक़ और सूरह इख़लास तीनों को मिलाकर मऊज़ात केहते हैं।
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आखरी बात: आज के इस लेख में आप लोगों ने सूरह नास हिंदी में जाना है। सूरह नास की फ़ज़ीलत, सूरह नास को कब पढ़ना है ये सारी चीज़े हम ने क़ुरआन और हदीस की दलील के साथ लिखा है। और साथ ही Surah Naas Ka Translation in Hindi में लिखा है। अगर इंसान इस सूरह को पढ़ लेता है तो वो अल्लाह की पनाह मैं आजाता है, फ़िर इंशा अल्लाह दुन्या की कोई चीज़ उसे नुक़सान नहीं पहुंचा सकती। अल्लाह से दुआ है की अल्लाह हमें केहने सुनने से ज़्यादा अमल की तौफ़ीक़ दे आमीन।