Aus vs SA WC Final: ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हर मैच जीतने का अपना रिकॉर्ड भी बरकरार रखा। एक और मंजिल पाकर कामयाबी के साथ एक खूबसूरत सफर आगे बढ़ा। वहीं एक और खूबसूरत सफर मंजिल पर पहुंचकर आंसुओं के साथ खत्म हुआ। एक टीम ने इतिहास रचा तो दूसरी इतिहास रचने से चूक गई. महिला क्रिकेट में पहले से ही दबदबा रखने वाली मेग लैनिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार महिला टी20 विश्व कप का खिताब बरकरार रखते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। केपटाउन में हुए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को हजारों प्रशंसकों के सामने 19 रन से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने से रोक दिया।
साउथ अफ्रीका की खराब शुरुआत
साउथ अफ्रीका ने गेंदबाजी और फील्डिंग में दमदार प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया। अब दारोमदार बल्लेबाजों पर था, लेकिन लॉरा वूल्फर्ट और ताजमिन ब्रिट्स ने जिस तरह की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में की थी, वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं चल पाई. सेमीफाइनल की स्टार ब्रिट्स पांचवें ओवर में ही ढेर हो गई। पावरप्ले में टीम का स्कोर 1 विकेट पर 22 रन ही था। अगले 5 ओवरों में रफ्तार थोड़ी बढ़ी लेकिन मेरीजन कैप और कप्तान सुने लूस के विकेट भी गिरे। 11वें ओवर तक स्कोर 3 विकेट पर 55 रन था.
दक्षिण अफ्रीका को बचे हुए 9 ओवर में 101 रन चाहिए थे। यहां से टीम के युवा स्टार बल्लेबाज लौरा वूल्फर्ट और क्लो ट्रायॉन ने टीम को संभाला और धीरे-धीरे पारी की गति को बढ़ाया. वूलफार्ट ने खासकर आक्रामक रुख अपनाया और दक्षिण अफ्रीका के लिए 13वें और 14वें ओवर में कुल 29 रन बनाए। 15वें ओवर में एक चौके के साथ वूल्फर्ट ने 43 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जो टूर्नामेंट में उनका तीसरा अर्धशतक था.
ऑस्ट्रेलिया ने दिखाया दम
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी भी कुछ खास अच्छी नहीं रही थी। भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली जीत के बाद कप्तान मेग लैनिंग ने कहा था कि तीनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बावजूद टीम को जीत मिली है. इसमें से इस बार भी बल्लेबाजी विभाग में टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। स्टार ओपनर बेथ मूनी के अलावा कोई और बल्लेबाज बड़ा योगदान नहीं दे सका।